नमस्ते प्यारे बच्चों! मैं आपकी टीचर, आज आपके पसंदीदा विषय पर बात करने के लिए यहाँ हूँ। बहुत से विद्यार्थियों को स्कूल में “मेरा प्रिय पक्षी” पर निबंध या कुछ पंक्तियाँ लिखने को कहा जाता है। इसमें सबसे पहला नाम जो दिमाग में आता है, वह है ‘मोर’। मोर की सुंदरता और उसका मनमोहक नृत्य सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। तो चलिए, आज हम इसी खूबसूरत पक्षी के बारे में और अधिक जानते हैं। यह लेख आपको आपके स्कूल के प्रोजेक्ट और निबंध लिखने में बहुत मदद करेगा।
मेरे प्रिय पक्षी मोर पर 10 पंक्तियाँ
अक्सर स्कूल में बच्चों को मोर के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखने के लिए कहा जाता है। ऐसे में, यहाँ आपके लिए मेरे प्रिय पक्षी मोर पर 10 सरल और जानकारीपूर्ण पंक्तियाँ दी गई हैं:
- मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है, जिसे 1963 में यह दर्जा दिया गया था।
- मोर अपनी सुंदरता और रंग-बिरंगे पंखों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
- नर मोर के पंख हरे, नीले और सुनहरे रंग के होते हैं, जबकि मोरनी के पंख भूरे रंग के होते हैं।
- वर्षा ऋतु आने पर जब काले बादल छा जाते हैं, तो मोर अपने पंख फैलाकर खुशी से नाचता है।
- मोर के सिर पर एक सुंदर कलगी होती है, जो किसी मुकुट की तरह दिखाई देती है।
- यह एक सर्वाहारी पक्षी है, जो अनाज, फल, कीड़े-मकौड़े और यहाँ तक कि साँप भी खाता है। इसलिए इसे किसानों का अच्छा मित्र भी कहा जाता है।
- मोर ज़्यादातर झुंड में रहना पसंद करते हैं।
- हिंदू धर्म में मोर का बहुत महत्व है; यह भगवान कार्तिकेय का वाहन है और इसके पंख भगवान कृष्ण अपने मुकुट पर लगाते थे।
- मोर बहुत ऊँचाई तक और लंबी दूरी तक नहीं उड़ सकता क्योंकि उसके पंख भारी होते हैं।
- भारत में मोर का शिकार करना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है और इसे भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षण प्राप्त है।
मोर की शारीरिक बनावट
मोर एक बड़ा और आकर्षक पक्षी है। इसकी गर्दन लंबी और चमकदार नीले रंग की होती है। एक वयस्क नर मोर की लंबाई लगभग 1 मीटर तक हो सकती है और इसका वजन 4 से 6 किलोग्राम के बीच होता है। नर मोर के सिर पर मुकुट जैसी एक कलगी होती है और उसकी पूंछ लंबी होती है जिसमें लगभग 150 रंग-बिरंगे पंख होते हैं। इन पंखों पर हरे, नीले और सुनहरे रंग की खूबसूरत आकृतियाँ बनी होती हैं। मादा मोर, जिसे मोरनी कहा जाता है, आकार में नर से छोटी होती है और उसके पंख भूरे रंग के होते हैं। मोरनी के सिर पर नर मोर की तरह लंबी पूंछ और कलगी नहीं होती है।
मोर का आहार और आवास
मोर एक सर्वाहारी पक्षी है, जिसका अर्थ है कि यह पौधे और मांस दोनों खाता है। इसके भोजन में मुख्य रूप से अनाज के दाने, फल, बीज, फूल, कीड़े-मकोड़े, छिपकलियाँ और छोटे साँप शामिल हैं। क्योंकि मोर हानिकारक कीड़ों को खाता है, इसलिए उसे किसानों का एक अच्छा दोस्त माना जाता है।
मोर ज़्यादातर खुले जंगलों, खेतों और झाड़ीदार इलाकों में रहना पसंद करता है। यह आमतौर पर रात में ऊँचे पेड़ों पर बसेरा करता है ताकि शिकारियों से बच सके। भारत, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों में मोर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
मोर का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
प्राचीन काल से ही मोर को भारत में एक विशेष स्थान प्राप्त है। यह सुंदरता और शिष्टता का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में मोर को पवित्र माना जाता है। यह भगवान शिव के पुत्र, कार्तिकेय का वाहन है। इसके अलावा, भगवान कृष्ण हमेशा अपने मुकुट में मोर पंख धारण करते थे, जो इसके दिव्य महत्व को दर्शाता है। इसी कारण, बहुत से लोग घर में मोर पंख रखना शुभ मानते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह सुख-समृद्धि लाता है।
मोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य
क्या आप मोर के बारे में कुछ और मजेदार बातें जानना चाहते हैं? यहाँ कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:
- मोर की आवाज़: मोर की आवाज़ उसकी सुंदरता की तरह मधुर नहीं होती। यह काफी तेज़ और कठोर होती है, जिसे ‘केका’ कहा जाता है।
- पंखों का फैलाव: एक नर मोर जब अपने पंखों को पूरी तरह फैलाता है, तो यह 4.9 मीटर तक फैल सकते हैं।
- जीवन काल: जंगल में एक मोर का जीवनकाल लगभग 10 से 25 वर्ष तक का हो सकता है।
- सफेद मोर: दुनिया में सफेद रंग के मोर भी पाए जाते हैं। यह कोई अलग प्रजाति नहीं है, बल्कि एक आनुवंशिक स्थिति के कारण उनके पंखों में रंग नहीं होता है।
- नाचने का कारण: मोर का नाचना अक्सर बारिश से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य मोरनी को अपनी ओर आकर्षित करना होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी कब घोषित किया गया?
मोर को 26 जनवरी 1963 को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था।
मोर के पंख का क्या उपयोग होता है?
मोर पंख का उपयोग सजावटी सामान, जैसे पर्स, जैकेट और घर की सजावट की वस्तुएँ बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, हिंदू धर्म में इसका धार्मिक महत्व भी है और इसे पवित्र माना जाता है।
क्या मोर उड़ सकता है?
हाँ, मोर उड़ सकता है, लेकिन अपने भारी शरीर और पंखों के कारण वे बहुत ऊँचा या बहुत दूर तक नहीं उड़ पाते हैं। वे आमतौर पर खतरा महसूस होने पर या पेड़ों पर चढ़ने के लिए छोटी उड़ानें भरते हैं।
हमें उम्मीद है कि इस लेख से आपको अपने प्रिय पक्षी मोर के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। यदि आप और भी विषयों पर अध्ययन सामग्री चाहते हैं, तो आप जीवन सहायता पर जा सकते हैं।