Sat. Aug 16th, 2025

hello students,
Jivan Sahayata में आपका स्वागत है। मैं आपकी टीचर, आज आपको विलुप्तप्राय जानवरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दूँगी। यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हम सभी को जानना और समझना बहुत ज़रूरी है।

आज हम विलुप्तप्राय जानवरों के बारे में बात करेंगे। ये वे जानवर हैं जिनकी संख्या बहुत कम हो गई है और अगर हमने उनकी रक्षा के लिए कदम नहीं उठाए, तो वे हमेशा के लिए पृथ्वी से गायब हो सकते हैं। यह एक गंभीर समस्या है और हम सभी को इसके बारे में जागरूक होना चाहिए।

10 Lines on Endangered Animals in Hindi

विलुप्तप्राय जानवर किन्हें कहते हैं? (What are Endangered Animals?)

विलुप्तप्राय जानवर वे जीव हैं जिनकी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। इसका मतलब है कि उनकी संख्या इतनी कम हो गई है कि अगर उनकी सुरक्षा के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो वे पूरी तरह से खत्म हो सकते हैं। विश्व संरक्षण संघ (IUCN) के अनुसार, दुनिया के लगभग 40% जीव-जंतु विलुप्तप्राय की श्रेणी में आते हैं। यह एक बहुत बड़ी और चिंताजनक संख्या है।

जब किसी प्रजाति के जानवरों की संख्या बहुत कम हो जाती है, या उनके रहने का स्थान (प्राकृतिक आवास) नष्ट हो जाता है, या फिर शिकारियों की संख्या बढ़ जाती है, तो वह प्रजाति विलुप्तप्राय हो जाती है। हमें यह समझना होगा कि हर एक जानवर का पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है और किसी एक प्रजाति के विलुप्त होने का असर पूरे पर्यावरण पर पड़ता है।

जानवर विलुप्तप्राय क्यों हो रहे हैं? (Why are Animals Becoming Endangered?)

जानवरों के विलुप्तप्राय होने के कई कारण हैं और इनमें से ज़्यादातर इंसानी गतिविधियों का नतीजा हैं।

  • प्राकृतिक आवास का विनाश: जंगलों की कटाई, शहरीकरण, और खेती के लिए ज़मीन का इस्तेमाल बढ़ने से जानवरों के रहने की जगह खत्म हो रही है। जब जानवरों के पास रहने और खाने के लिए जगह नहीं बचती, तो उनकी संख्या कम होने लगती है।
  • अवैध शिकार: कई जानवरों का उनके फर, हड्डियों, सींगों और शरीर के अन्य अंगों के लिए अवैध रूप से शिकार किया जाता है। उदाहरण के लिए, बाघों का शिकार उनकी खाल और हड्डियों के लिए होता है, जिनका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी दवाओं में किया जाता है।
  • प्रदूषण: वायु, जल और भूमि प्रदूषण भी जानवरों के लिए एक बड़ा खतरा है। प्लास्टिक प्रदूषण, खासकर समुद्री जीवों के लिए, एक जानलेवा समस्या बन गया है।
  • जलवायु परिवर्तन: बदलती जलवायु के कारण जानवरों के लिए अपने वातावरण में ढलना मुश्किल हो रहा है। तापमान में वृद्धि, बदलते मौसम का पैटर्न, और प्राकृतिक आपदाएं जानवरों के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही हैं।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष: जैसे-जैसे इंसानी बस्तियाँ जंगलों के करीब पहुँच रही हैं, इंसानों और जंगली जानवरों के बीच टकराव बढ़ रहा है। इससे अक्सर जानवरों को मार दिया जाता है।

भारत में 10 विलुप्तप्राय जानवर (10 Endangered Animals in India)

भारत अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन यहाँ भी कई जानवर विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं। नीचे 10 ऐसे ही जानवरों के बारे में बताया गया है:

  1. बंगाल टाइगर (Bengal Tiger): बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है, लेकिन यह दुनिया की सबसे लुप्तप्राय बाघ प्रजातियों में से एक है। जंगल में अब केवल लगभग 2,500 बंगाल टाइगर बचे हैं। अवैध शिकार और उनके रहने के स्थान का विनाश इनके लिए सबसे बड़ा खतरा है।
  2. एशियाई शेर (Asiatic Lion): एशियाई शेर अब केवल भारत में, गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास के इलाकों में ही पाए जाते हैं। 2020 की गिनती के अनुसार, इनकी संख्या केवल 674 थी।
  3. एक सींग वाला गैंडा (One-Horned Rhinoceros): इसे भारतीय गैंडे के नाम से भी जाना जाता है। इनके सींगों के लिए बड़े पैमाने पर इनका शिकार किया जाता है, जिनका उपयोग पारंपरिक चीनी दवाओं में होता है। इनकी सबसे बड़ी आबादी असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।
  4. हिम तेंदुआ (Snow Leopard): यह खूबसूरत जानवर हिमालय के ऊँचे पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। इनकी संख्या 10,000 से भी कम रह गई है और अवैध शिकार और इनके प्राकृतिक आवास का सिकुड़ना इनके अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।
  5. नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr): यह एक प्रकार की जंगली बकरी है जो केवल पश्चिमी घाट के नीलगिरि पहाड़ों में पाई जाती है। यह तमिलनाडु का राजकीय पशु है।
  6. शेर जैसी पूंछ वाला मकाक (Lion-Tailed Macaque): यह बंदर पश्चिमी घाट के वर्षावनों में पाया जाता है। इसके चेहरे के चारों ओर एक विशिष्ट सफेद अयाल होता है। इनके आवास के विनाश के कारण इनकी आबादी में भारी गिरावट आई है।
  7. काला हिरण (Blackbuck): यह भारत की सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है। 1947 में इनकी संख्या लगभग 80,000 थी, जो 20 साल से भी कम समय में घटकर 8,000 रह गई। संरक्षण के प्रयासों के बाद भी इनकी संख्या अभी भी बहुत कम है।
  8. कश्मीरी बारहसिंगा (Kashmiri Red Stag / Hangul): यह लाल हिरण की एक लुप्तप्राय प्रजाति है जो केवल कश्मीर घाटी में पाई जाती है। इनके आवास के नुकसान और अवैध शिकार को रोकने के लिए संरक्षण के प्रयास जारी हैं।
  9. मालाबार सिवेट (Malabar Civet): यह दुनिया के सबसे लुप्तप्राय स्तनधारियों में से एक है। यह पश्चिमी घाट में पाया जाने वाला एक रात्रिचर और मायावी जानवर है। शिकार के कारण यह गंभीर रूप से संकटग्रस्त है और जंगल में बहुत कम देखा जाता है।
  10. पिग्मी हॉग (Pygmy Hog): यह दुनिया का सबसे छोटा जंगली सूअर है और यह भी विलुप्त होने की कगार पर है। यह मुख्य रूप से असम में पाया जाता है।

विलुप्तप्राय जानवरों का संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is the Conservation of Endangered Animals Important?)

हर जीव का पारिस्थितिकी तंत्र में अपना एक खास योगदान होता है। किसी एक प्रजाति के विलुप्त होने से पूरी खाद्य श्रृंखला (food chain) प्रभावित हो सकती है, जिसका असर दूसरे पौधों और जानवरों पर भी पड़ता है। जैव विविधता को बनाए रखना पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी भी है कि हम इन खूबसूरत जीवों को विलुप्त होने से बचाएं ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन्हें देख सकें।

हम क्या कर सकते हैं? (What can we do?)

विलुप्तप्राय जानवरों को बचाने के लिए हम सभी अपनी भूमिका निभा सकते हैं:

  • जागरूकता फैलाएं: अपने दोस्तों और परिवार को विलुप्तप्राय जानवरों और उनके संरक्षण के महत्व के बारे में बताएं।
  • वन्यजीव उत्पादों का बहिष्कार करें: ऐसे उत्पाद न खरीदें जो जानवरों के अंगों से बने हों।
  • प्रकृति का सम्मान करें: प्रदूषण कम करें, पेड़ लगाएं और प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करें।
  • संरक्षण प्रयासों का समर्थन करें: वन्यजीव संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों को दान दें या स्वयंसेवक के रूप में काम करें।

हमें यह याद रखना होगा कि इन जानवरों को बचाना केवल सरकार या संगठनों की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

प्रश्न: कौन सी संस्था विलुप्तप्राय प्रजातियों की सूची जारी करती है?

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) विलुप्तप्राय प्रजातियों की एक “रेड लिस्ट” जारी करता है, जिसमें उन प्रजातियों का वर्गीकरण किया जाता है जिन पर विलुप्त होने का खतरा है।

प्रश्न: भारत में जानवरों के विलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण क्या है?

उत्तर: भारत में जानवरों के विलुप्त होने के मुख्य कारणों में उनके प्राकृतिक आवास का विनाश, अवैध शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्ष शामिल हैं।

प्रश्न: क्या कोई जानवर भारत से पूरी तरह विलुप्त हो गया है?

उत्तर: हाँ, एशियाई चीता भारत से पूरी तरह विलुप्त हो चुका है। 1947 में भारत में अंतिम तीन चीतों का शिकार किया गया था।

प्रश्न: सरकार विलुप्तप्राय जानवरों को बचाने के लिए क्या कर रही है?

उत्तर: भारत सरकार ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की स्थापना, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 जैसे कड़े कानून बनाना और अवैध शिकार को रोकने के लिए अभियान चलाना।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें। और अधिक जानकारीपूर्ण लेखों के लिए, आप हमारी वेबसाइट जीवन सहायता पर जा सकते हैं।

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