Wed. Sep 3rd, 2025

नमस्ते छात्रों, मैं जीवन सहायता से आपका शिक्षक हूँ। आज हम एक ऐसे विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं जो हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील पहलू है – “भारत में भिक्षावृत्ति पर मेरे विचार”। यह एक ऐसा विषय है जिस पर हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि यह हमारे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का प्रतिबिंब है।

10 Lines on My Views on Begging in India in Hindi

भिक्षावृत्ति: एक सामाजिक समस्या

भारत में भिक्षावृत्ति एक जटिल और बहुआयामी समस्या है जो गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक बहिष्कार और कई अन्य कारकों से जुड़ी हुई है। यह केवल कुछ लोगों के भीख मांगने का कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की संरचनात्मक कमजोरियों को भी उजागर करता है। जब हम सड़कों, मंदिरों या ट्रैफिक सिग्नलों पर भिखारियों को देखते हैं, तो हमारे मन में कई तरह के विचार आते हैं। कुछ को दया आती है, कुछ को गुस्सा आता है, तो कुछ इसे एक सामान्य घटना मानकर अनदेखा कर देते हैं।

भारत में भिक्षावृत्ति पर 10 पंक्तियाँ

  1. भिक्षावृत्ति भारतीय समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है, जो गरीबी और सामाजिक असमानता की गहरी जड़ों को दर्शाती है।
  2. यह समस्या केवल आर्थिक तंगी का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी हैं।
  3. कई बार लोग विकलांगता, बीमारी या वृद्धावस्था के कारण काम करने में असमर्थ होते हैं और उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
  4. भारत में संगठित भिक्षावृत्ति एक बड़ा मुद्दा है, जहां आपराधिक गिरोह कमजोर लोगों, विशेषकर बच्चों का शोषण करते हैं।
  5. बच्चों को अक्सर भीख मांगने के लिए अपहरण किया जाता है, उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता है या शारीरिक रूप से अपंग बना दिया जाता है।
  6. कानूनी तौर पर, भारत में भिक्षावृत्ति को लेकर कोई एक समान केंद्रीय कानून नहीं है, हालांकि कई राज्यों ने अपने कानून बनाए हैं।
  7. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2018 में भिक्षावृत्ति को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया, यह मानते हुए कि गरीबी कोई अपराध नहीं है।
  8. सरकार ने “स्माइल” जैसी योजनाएं शुरू की हैं जिनका उद्देश्य भिखारियों का पुनर्वास करना और उन्हें आजीविका के अवसर प्रदान करना है।
  9. समाज के रूप में, हमें भिखारियों के प्रति संवेदनशील होने और उन्हें दान देने के बजाय उनके पुनर्वास और सशक्तिकरण के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
  10. भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुरक्षा शामिल हो।

भिक्षावृत्ति के कारण

भारत में भिक्षावृत्ति के कई गहरे और जटिल कारण हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • अत्यधिक गरीबी: गरीबी भिक्षावृत्ति का सबसे प्रमुख कारण है। जब लोगों के पास अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई साधन नहीं होता, तो वे भीख मांगने पर मजबूर हो जाते हैं।
  • बेरोजगारी: रोजगार के अवसरों की कमी भी लोगों को भिक्षावृत्ति की ओर धकेलती है।
  • सामाजिक बहिष्कार: कुछ समुदायों को जाति और सामाजिक भेदभाव के कारण अवसरों से वंचित रखा जाता है, जिससे वे हाशिए पर चले जाते हैं।
  • विकलांगता और बीमारी: शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोग अक्सर काम करने में असमर्थ होते हैं और उनके पास भीख मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।
  • प्राकृतिक आपदाएं: बाढ़, सूखा और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं लोगों को विस्थापित कर देती हैं, जिससे वे निराश्रित हो जाते हैं।
  • संगठित गिरोह: आपराधिक गिरोह बच्चों और कमजोर वयस्कों का अपहरण कर उन्हें जबरन भिक्षावृत्ति में धकेल देते हैं।

भिक्षावृत्ति का प्रभाव

भिक्षावृत्ति का समाज पर गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल देश की छवि को धूमिल करता है, बल्कि कई सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देता है।

  • बाल शोषण: भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चे शिक्षा और एक सामान्य बचपन से वंचित रह जाते हैं। उनका शारीरिक और मानसिक शोषण होता है।
  • अपराध में वृद्धि: संगठित भिक्षावृत्ति गिरोह अक्सर अन्य आपराधिक गतिविधियों जैसे नशीली दवाओं की तस्करी और मानव तस्करी में भी शामिल होते हैं।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य: भिखारी अक्सर अस्वच्छ परिस्थितियों में रहते हैं, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
  • आर्थिक विकास में बाधा: एक बड़ी आबादी जो काम कर सकती है, जब भिक्षावृत्ति में लिप्त होती है, तो यह देश के आर्थिक विकास में बाधा डालती है।

भिक्षावृत्ति को रोकने के उपाय

भिक्षावृत्ति एक जटिल समस्या है और इसका समाधान भी बहुआयामी होना चाहिए।

  • पुनर्वास और कौशल विकास: भिखारियों को पकड़ने और दंडित करने के बजाय, उनके पुनर्वास और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
  • शिक्षा और जागरूकता: बच्चों को शिक्षा प्रदान करना और लोगों को भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूक करना महत्वपूर्ण है।
  • रोजगार के अवसर: सरकार को रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने चाहिए ताकि लोगों को भीख मांगने की आवश्यकता न पड़े।
  • कठोर कानून: संगठित भिक्षावृत्ति गिरोहों के खिलाफ कठोर कानून बनाए जाने चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
  • सामाजिक सुरक्षा: सरकार को कमजोर और जरूरतमंद लोगों के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा नेट प्रदान करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: भारत में कितने भिखारी हैं?

उत्तर: 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 4 लाख से अधिक भिखारी थे। हालांकि, यह संख्या अब काफी बढ़ गई होगी।

प्रश्न: क्या भारत में भीख मांगना अपराध है?

उत्तर: भारत में भीख मांगने को लेकर कोई केंद्रीय कानून नहीं है। कुछ राज्यों ने इसे प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाए हैं, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। हालांकि, बच्चों से भीख मंगवाना एक गंभीर अपराध है। रेलवे अधिनियम के तहत रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगना भी अपराध है।

प्रश्न: सरकार भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए क्या कर रही है?

उत्तर: केंद्र सरकार ने “स्माइल” (SMILE – Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprise) नामक एक योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य भिखारियों का पुनर्वास करना है। कई राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं।

निष्कर्ष के तौर पर, भिक्षावृत्ति एक सामाजिक अभिशाप है जिसे हम सभी को मिलकर समाप्त करना होगा। इसके लिए सरकार, नागरिक समाज और प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। अधिक जानकारी और अध्ययन सामग्री के लिए, आप जीवन सहायता पर जा सकते हैं।

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