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जीवन सहायता ब्लॉग पर आपका स्वागत है। हम जानते हैं कि जब भी भारत के ऐतिहासिक स्मारकों की बात होती है, तो सबसे पहले ताजमहल का नाम दिमाग में आता है। लेकिन हमारा भारत देश अनगिनत खूबसूरत और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है, जिनके बारे में जानना और उन पर गर्व करना हम सभी का कर्तव्य है।
आज, हम एक ऐसे ही शानदार स्मारक के बारे में बात करेंगे जो भारत की आन, बान और शान का प्रतीक है। यह स्मारक है – दिल्ली का लाल किला। यदि आपको कभी “मेरे पसंदीदा भारतीय स्मारक” पर निबंध या कुछ पंक्तियाँ लिखने को कहा जाए, तो ताजमहल के अलावा लाल किला एक बेहतरीन विकल्प है।
चलिए, आज हम आपको आपके पसंदीदा भारतीय स्मारक ‘लाल किला’ पर 10 पंक्तियाँ और उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
मेरे पसंदीदा भारतीय स्मारक पर 10 पंक्तियाँ: लाल किला
- मेरा पसंदीदा स्मारक लाल किला है, जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
- इसका निर्माण पांचवें मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1638 में शुरू करवाया था।
- यह शानदार किला यमुना नदी के किनारे बना हुआ है और इसे बनने में लगभग 10 साल का समय लगा।
- इसका नाम लाल किला इसलिए पड़ा क्योंकि इसे लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।
- लाल किला लगभग 200 वर्षों तक मुगल साम्राज्य का मुख्य निवास स्थान था।
- भारत के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं।
- इस किले के दो मुख्य प्रवेश द्वार हैं – लाहौरी गेट और दिल्ली गेट।
- इसके अंदर दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास और मोती मस्जिद जैसी कई खूबसूरत इमारतें हैं।
- वर्ष 2007 में यूनेस्को द्वारा लाल किले को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- यह किला न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि भारत की आजादी और गौरव का प्रतीक भी है।
लाल किले का इतिहास
लाल किले का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है। इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने तब करवाया था जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया। किले का निर्माण कार्य 1638 ईस्वी में शुरू हुआ और 1648 ईस्वी में पूरा हुआ। शाहजहाँ चाहते थे कि यह किला उनके द्वारा बनवाए गए सभी किलों में सबसे भव्य और आकर्षक हो। यह किला लगभग 250 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और यह न केवल मुगल बादशाहों का राजनीतिक केंद्र था, बल्कि उनका औपचारिक केंद्र भी था। लगभग 200 वर्षों तक मुगल शासकों ने यहीं से अपना शासन चलाया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, किले पर ब्रिटिश सेना का कब्जा हो गया और उन्होंने इसे अपने मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया। यहीं पर अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर पर मुकदमा चलाया गया था।
लाल किले की वास्तुकला
लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का एक अनूठा उदाहरण है। इसकी वास्तुकला में फारसी, तैमूरी और हिंदू शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। किले को डिजाइन करने का श्रेय मुगल काल के प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी को दिया जाता है, जिन्होंने ताजमहल का भी डिजाइन तैयार किया था।
किले की दीवारें लगभग 30 मीटर ऊंची हैं और लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं, जिन पर सुंदर नक्काशी की गई है। किले के अंदर कई महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं:
- दीवान-ए-आम: यह वह स्थान था जहाँ बादशाह आम जनता से मिलते थे और उनकी फरियाद सुनते थे।
- दीवान-ए-खास: यह निजी सभा कक्ष था, जहाँ बादशाह अपने खास मेहमानों और मंत्रियों से मिलते थे। इसकी दीवारों पर लिखा है, “अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यहीं है।”
- रंग महल: यह बादशाह की पत्नियों और रखैलों का निवास स्थान था।
- मोती मस्जिद: इसे औरंगजेब ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए बनवाया था।
- हयात बख्श बाग: यह एक बहुत ही खूबसूरत बाग है जो महल के उत्तरी भाग में स्थित है।
लाल किले के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- असली नाम: लाल किले का असली नाम ‘किला-ए-मुबारक’ था, जिसका अर्थ है “धन्य किला”। अंग्रेजों ने इसकी लाल दीवारों के कारण इसे ‘रेड फोर्ट’ कहना शुरू कर दिया, जो बाद में लाल किला के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
- सफेद किले से लाल किला: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लाल किला मूल रूप से सफेद रंग का था क्योंकि इसे चूना पत्थर से बनाया गया था। जब पत्थर खराब होने लगे तो अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंग दिया।
- कोहिनूर हीरा: विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा कभी शाहजहाँ के शाही सिंहासन ‘तख्ते-ताऊस’ का हिस्सा हुआ करता था, जो दीवान-ए-खास में रखा गया था। बाद में फारसी शासक नादिर शाह ने इसे लूट लिया।
- लाहौरी गेट: किले के मुख्य प्रवेश द्वार का नाम ‘लाहौरी गेट’ इसलिए है क्योंकि इसका मुख लाहौर शहर की ओर है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
लाल किला किसने और कब बनवाया था?
लाल किले का निर्माण पांचवें मुगल सम्राट शाहजहाँ ने करवाया था। इसका निर्माण कार्य 1638 में शुरू हुआ और 1648 में पूरा हुआ।
लाल किले का असली नाम क्या था?
लाल किले का असली नाम ‘किला-ए-मुबारक’ था।
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से झंडा कौन फहराता है?
भारत के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं।
लाल किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में कब शामिल किया गया?
लाल किले को वर्ष 2007 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना गया था।
हमें उम्मीद है कि लाल किले के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके स्कूल के प्रोजेक्ट या निबंध लेखन में आपकी मदद करेगी। भारत की इन ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानना और उन्हें सहेजना हमारा कर्तव्य है।
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