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नमस्ते बच्चों! आज हम ‘हरित क्रांति’ के बारे में जानेंगे। हरित क्रांति भारत के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना थी। इसने हमारे देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया। चलो, इसके बारे में 10 मुख्य बातें सीखते हैं!

10 Lines on Impact of Green Revolution in Hindi

हरित क्रांति: एक परिचय

हरित क्रांति, जिसे ‘ग्रीन रिवोल्यूशन’ भी कहा जाता है, 1960 के दशक में शुरू हुई एक ऐसी पहल थी, जिसका उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ाना था। यह क्रांति नई तकनीकों, उच्च उपज देने वाले बीजों और बेहतर सिंचाई सुविधाओं के उपयोग पर आधारित थी।

हरित क्रांति के 10 महत्वपूर्ण बिंदु

  1. उच्च उपज वाले बीज: हरित क्रांति में सबसे महत्वपूर्ण बात थी उच्च उपज वाले बीजों (High Yielding Varieties – HYV) का उपयोग। इन बीजों से फसलें बहुत अधिक मात्रा में उगाई जा सकती थीं।
  2. सिंचाई में सुधार: बेहतर सिंचाई प्रणालियों के विकास से फसलों को पर्याप्त पानी मिलना सुनिश्चित हुआ, जिससे उत्पादन बढ़ा। नहरें और ट्यूबवेल बनाए गए।
  3. उर्वरकों का उपयोग: रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ी और फसलों को आवश्यक पोषक तत्व मिले।
  4. कीटनाशकों का प्रयोग: फसलों को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशकों (Pesticides) का उपयोग किया गया, जिससे फसल की बर्बादी कम हुई।
  5. कृषि मशीनरी: ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य कृषि मशीनों के उपयोग से खेती करना आसान हो गया और समय की बचत हुई।
  6. किसानों को प्रशिक्षण: किसानों को नई तकनीकों और बीजों के बारे में प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे बेहतर तरीके से खेती कर सकें।
  7. खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि: हरित क्रांति के कारण भारत में खाद्यान्न उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि हुई, जिससे देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बन गया।
  8. गेहूं और चावल पर ध्यान: इस क्रांति में मुख्य रूप से गेहूं और चावल की फसलों पर ध्यान केंद्रित किया गया, क्योंकि ये भारत में मुख्य खाद्य फसलें हैं।
  9. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सफलता: हरित क्रांति सबसे पहले पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सफल हुई, क्योंकि यहाँ सिंचाई और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध थीं।
  10. गरीबी में कमी: खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने से खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ और गरीबों को भोजन मिलने लगा, जिससे गरीबी में कमी आई।

हरित क्रांति के लाभ

हरित क्रांति से भारत को कई लाभ हुए:

  • अनाज उत्पादन में भारी वृद्धि।
  • किसानों की आय में वृद्धि।
  • खाद्य सुरक्षा में सुधार।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े।

हरित क्रांति की कमियाँ

हरित क्रांति के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी थे:

  • रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट आई।
  • कुछ क्षेत्रों में जल स्तर नीचे चला गया।
  • छोटे किसानों को नई तकनीकें अपनाने में कठिनाई हुई।
  • जैव विविधता का नुकसान हुआ।

हरित क्रांति का भविष्य

हमें हरित क्रांति से सीख लेते हुए टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) की ओर बढ़ना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कृषि उत्पादन को बढ़ाना होगा। जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

कुछ महत्वपूर्ण सुझाव

  • किसानों को मिट्टी की सेहत का ध्यान रखना चाहिए।
  • पानी का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
  • जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
  • सरकार को किसानों को सहायता प्रदान करनी चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

हरित क्रांति क्या थी?

हरित क्रांति एक ऐसा कार्यक्रम था जिसका उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ाना था, जिसमें उच्च उपज वाले बीजों, बेहतर सिंचाई और उर्वरकों का उपयोग शामिल था।

हरित क्रांति कब शुरू हुई?

हरित क्रांति 1960 के दशक में शुरू हुई थी।

हरित क्रांति के जनक कौन थे?

भारत में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन थे।

हरित क्रांति से क्या लाभ हुए?

हरित क्रांति से खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ।

हरित क्रांति की कमियाँ क्या थीं?

हरित क्रांति की कमियों में मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, जल स्तर में कमी और जैव विविधता का नुकसान शामिल है।

आशा है कि आपको हरित क्रांति के बारे में यह जानकारी उपयोगी लगी होगी! यदि आप और भी अधिक अध्ययन सामग्री और जीवन में उपयोगी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो जीवन सहायता पर जाएँ।

धन्यवाद!

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