दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की दिलचस्प कहानी और उसकी अहमियत
दिल्ली का लाल किला न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह भी रहा है। 29 अप्रैल 1638 को मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने इस किले का निर्माण कार्य शुरू करवाया, और 1648 में यह पूरा हुआ। इसके निर्माण में 10 साल का समय लगा, और यह किला न सिर्फ मुग़ल साम्राज्य की शक्ति का प्रतीक बना, बल्कि भारतीय इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह भी रहा।
लाल किला: इतिहास की दास्तान
लाल किला, जिसका असली नाम ‘किला-ए-मुबारक’ है, को शाहजहाँ ने दिल्ली को अपनी नई राजधानी बनाने के उद्देश्य से बनवाया था। यह किला 200 वर्षों तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी का केंद्र रहा। 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद, किले पर ब्रिटिशों का कब्जा हो गया और इसे ब्रिटिश साम्राज्य का प्रतीक बना दिया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह किला भारतीय सरकार के अधिकार में आया।
वास्तुकला और डिजाइन
लाल किला मुग़ल, फारसी और हिंदू शैलियों का बेहतरीन मिश्रण है। किले की दीवारें लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं और किले के भीतर का परिसर लगभग 255 एकड़ में फैला हुआ है। लाहौरी गेट के माध्यम से मुख्य प्रवेश होता है, और किले की सुरक्षा के लिए इसे खंदक से घेरा गया है। किले के भीतर स्थित दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम जैसी विशेषताएं वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
लाल किला का सांस्कृतिक महत्व
लाल किला केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां आयोजित होने वाला स्वतंत्रता दिवस समारोह देश की स्वतंत्रता की कहानी को पुनः जीवित करता है, जहां प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
लाल किले का संरक्षण
लाल किले के संरक्षण के लिए भारतीय सरकार द्वारा कई परियोजनाएं चलायी जा रही हैं। स्वच्छ भारत अभियान और डिजिटल इंडिया के तहत किले के आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने और आगंतुकों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
लाल किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
- किले का निर्माण 29 अप्रैल 1638 को शुरू हुआ और यह 13 मई 1648 को पूरा हुआ।
- किले की दीवारें ढ़ाई किलोमीटर लंबी हैं।
- किले के निर्माण में एक करोड़ रुपये का खर्च आया था।
- किले की दीवारों की ऊंचाई यमुना नदी की दिशा में 18 मीटर और शहर की दिशा में 33 मीटर है।
निष्कर्ष:
लाल किला न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की पहचान भी है। इसके संरक्षण और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के प्रयास भविष्य में इसे और भी प्रमुख पर्यटन स्थल बना सकते हैं।