1. परिचय
महात्मा गांधी, जिन्हें “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। सत्य और अहिंसा के प्रति उनकी अद्वितीय प्रतिबद्धता ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि पूरी दुनिया में संघर्ष के अहिंसक तरीकों की मिसाल पेश की। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो यह सिखाता है कि किसी भी बड़े लक्ष्य को धैर्य, सत्य और अनुशासन से प्राप्त किया जा सकता है।
2. प्रारंभिक जीवन
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर के दीवान (प्रधान मंत्री) थे, और उनकी माता पुतलीबाई एक धार्मिक और सरल स्वभाव की महिला थीं। गांधीजी की शिक्षा राजकोट में हुई, जहाँ उनका परिवार बाद में स्थानांतरित हुआ। उनकी माता का धार्मिक प्रवृत्ति का गहरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा।
16 वर्ष की उम्र में, गांधीजी ने अपने पिता को खो दिया। 1888 में, वे इंग्लैंड गए और वहाँ से कानून की पढ़ाई पूरी की। इंग्लैंड में रहते हुए, उन्होंने अपने जीवन में सादगी और अनुशासन को अपनाया।
3. करियर और योगदान
भारत लौटने के बाद, गांधीजी ने वकालत शुरू की, लेकिन उनका ध्यान जल्द ही सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं की ओर गया। 1893 में, वे दक्षिण अफ्रीका गए, जहाँ उन्हें रंगभेद और भेदभाव का सामना करना पड़ा। वहाँ के अनुभवों ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने सत्याग्रह (सत्य के लिए आग्रह) आंदोलन की शुरुआत की, जो बाद में उनके सभी आंदोलनों का मुख्य आधार बना।
1915 में भारत लौटने के बाद, गांधीजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर आज़ादी के आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने कई आंदोलनों की अगुवाई की, जैसे:
- चंपारण सत्याग्रह (1917): किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष।
- खिलाफत आंदोलन (1920): हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत किया।
- दांडी मार्च (1930): नमक कर के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध।
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942): भारत की पूर्ण स्वतंत्रता का आह्वान।
4. व्यक्तिगत जीवन और मूल्य
महात्मा गांधी का व्यक्तिगत जीवन अत्यंत सरल और अनुशासनपूर्ण था। वे शाकाहारी थे और प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास करते थे। उनका जीवन “सादा जीवन, उच्च विचार” का आदर्श उदाहरण था। सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम उनके जीवन के मुख्य मूल्य थे।
उन्होंने अपने जीवन में आत्म-शुद्धि और सेवा को प्राथमिकता दी। उनका कहना था, “आप वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”
5. चुनौतियाँ और विजय
महात्मा गांधी ने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया। दक्षिण अफ्रीका में भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने अपनी दृढ़ता और शांतिपूर्ण तरीके से लड़ाई लड़ी। भारत में उन्हें कई बार जेल में डाला गया, लेकिन वे अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।
गांधीजी के नेतृत्व में भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हालाँकि, यह स्वतंत्रता विभाजन के दर्द के साथ आई, जिससे वे गहरे आहत हुए।
6. विरासत और निष्कर्ष
महात्मा गांधी की विरासत पूरी दुनिया में जीवित है। उनका अहिंसा का सिद्धांत मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे कई वैश्विक नेताओं को प्रेरित कर चुका है।
30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी, लेकिन उनके विचार और आदर्श आज भी जीवित हैं। महात्मा गांधी का जीवन यह सिखाता है कि सत्य, प्रेम और करुणा के बल पर दुनिया को बदला जा सकता है।
FAQ
1. महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या था?
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
2. गांधीजी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ।
3. गांधीजी ने कौन-कौन से प्रमुख आंदोलन चलाए?
गांधीजी ने कई प्रमुख आंदोलन चलाए, जैसे चंपारण सत्याग्रह, दांडी मार्च, और भारत छोड़ो आंदोलन।
4. महात्मा गांधी का मुख्य सिद्धांत क्या था?
गांधीजी के मुख्य सिद्धांत सत्य, अहिंसा, और आत्मसंयम थे।
5. गांधीजी की मृत्यु कब और कैसे हुई?
गांधीजी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारने से हुई।
6. महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” क्यों कहा जाता है?
महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने आदर्शों से पूरे देश को प्रेरित किया।
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