संख्याएँ गणित की मूलभूत इकाई होती हैं। इन्हें विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है, जिनमें परिमेय (Rational) और अपरिमेय (Irrational) संख्याएँ प्रमुख हैं। यह अध्याय परिमेय और अपरिमेय संख्याओं की परिभाषा, गुणधर्म, और उनके बीच के अंतर को स्पष्ट करेगा।
1. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers)
परिभाषा:
वे संख्याएँ जो दो पूर्णांकों के अनुपात (p/q के रूप में) में लिखी जा सकती हैं, जहाँ q ≠ 0 हो, उन्हें परिमेय संख्याएँ कहते हैं।
उदाहरण:
- 34\frac{3}{4}, −72\frac{-7}{2}, 00, 55, −3-3
विशेषताएँ:
- परिमेय संख्याओं को दशमलव (Decimal) में बदला जा सकता है, और वे या तो समाप्त (Terminating) होती हैं या पुनरावृत्त (Repeating) होती हैं।
- हर पूर्णांक (Integer) परिमेय संख्या होती है, क्योंकि उसे n1\frac{n}{1} के रूप में लिखा जा सकता है।
- यदि दो परिमेय संख्याएँ जोड़ी जाएँ, घटाई जाएँ, गुणा की जाएँ या भाग दी जाएँ (शून्य को छोड़कर), तो परिणाम भी परिमेय संख्या ही होगा।
परिमेय संख्याओं के प्रकार:
- पूर्णांक (Integers): -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3…
- प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers): 1, 2, 3, 4…
- पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers): 0, 1, 2, 3…
- भिन्न संख्याएँ (Fractions): 12,34\frac{1}{2}, \frac{3}{4} आदि।
2. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers)
परिभाषा:
वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता और जिनका दशमलव विस्तार अनन्त एवं गैर-पुनरावृत्त (Non-Repeating) होता है, उन्हें अपरिमेय संख्याएँ कहते हैं।
उदाहरण:
- 2\sqrt{2} = 1.414213…
- π\pi = 3.141592…
- ee = 2.718281…
विशेषताएँ:
- अपरिमेय संख्याओं को भिन्न के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता।
- इनका दशमलव रूप न तो समाप्त होता है, न ही दोहराता है।
- यदि एक परिमेय संख्या को अपरिमेय संख्या से जोड़ा या घटाया जाए, तो परिणाम अपरिमेय ही होगा।
- किसी परिमेय संख्या को किसी अपरिमेय संख्या से गुणा करने पर परिणाम अपरिमेय हो सकता है।
- दो अपरिमेय संख्याओं का योग या गुणा परिमेय भी हो सकता है (उदाहरण: 2×2=2\sqrt{2} \times \sqrt{2} = 2, जो कि परिमेय संख्या है)।
3. परिमेय और अपरिमेय संख्याओं में अंतर:
विशेषता | परिमेय संख्याएँ | अपरिमेय संख्याएँ |
भिन्न रूप में लिखा जा सकता है | हाँ, p/q के रूप में | नहीं |
दशमलव विस्तार | समाप्त या पुनरावृत्त | अनन्त और गैर-पुनरावृत्त |
उदाहरण | 34,−5,0.333…\frac{3}{4}, -5, 0.333… | 2,π,e\sqrt{2}, \pi, e |
4. कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- सभी प्राकृतिक संख्याएँ परिमेय होती हैं।
- सभी पूर्ण संख्याएँ भी परिमेय होती हैं।
- √4 = 2, जो कि परिमेय है, लेकिन √2 अपरिमेय है।
- π (पाई) अपरिमेय संख्या है, लेकिन 22/7 एक परिमेय संख्या है जो π का निकटतम मान है।
- किसी भी अपरिमेय संख्या के वर्गमूल निकालने पर उसका उत्तर अपरिमेय हो सकता है।
- यदि दो संख्याओं का योग परिमेय है और उनमें से एक संख्या अपरिमेय हो, तो दूसरी संख्या भी अपरिमेय होगी।
- यदि एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल परिमेय है, तो परिमेय संख्या अवश्य ही शून्य होगी।
5. महत्वपूर्ण प्रश्न (Quiz)
प्रश्न 1:
निम्नलिखित में से कौन सी संख्या परिमेय है?
(a) 5\sqrt{5}
(b) 3/73/7
(c) π\pi
(d) 11\sqrt{11}
उत्तर: (b) 3/73/7
प्रश्न 2:
निम्नलिखित में से कौन सी संख्या अपरिमेय है?
(a) 0.5
(b) 0.333… (अनन्त पुनरावृत्त)
(c) 2\sqrt{2}
(d) 7
उत्तर: (c) 2\sqrt{2}
प्रश्न 3:
0.10110111011110… इस प्रकार चलने वाली संख्या किस प्रकार की होगी?
(a) परिमेय
(b) अपरिमेय
(c) पूर्ण संख्या
(d) प्राकृतिक संख्या
उत्तर: (b) अपरिमेय
प्रश्न 4:
π का दशमलव रूप कैसा होता है?
(a) समाप्त होने वाला
(b) पुनरावृत्त
(c) अनन्त और पुनरावृत्त
(d) अनन्त और गैर-पुनरावृत्त
उत्तर: (d) अनन्त और गैर-पुनरावृत्त
प्रश्न 5:
क्या 50\frac{5}{0} एक परिमेय संख्या है?
(a) हाँ
(b) नहीं
उत्तर: (b) नहीं, क्योंकि शून्य से भाग संभव नहीं है।
निष्कर्ष:
- परिमेय संख्याएँ वे होती हैं जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है।
- अपरिमेय संख्याओं को p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता और उनका दशमलव रूप अनन्त एवं गैर-पुनरावृत्त होता है।
- परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के विभिन्न गुणधर्म और भिन्नताएँ गणित में उनकी उपयोगिता को दर्शाती हैं।
- परीक्षा की दृष्टि से इनकी परिभाषा, उदाहरण और अंतर को अच्छी तरह समझना आवश्यक है।