Chapter 1- Units -Various data representation Notes- RRB Technician 2025

डेटा प्रतिनिर्धारण (Data Representation) का अर्थ है कंप्यूटर में डेटा को विभिन्न स्वरूपों में संग्रहीत, संसाधित और प्रसारित करना। कंप्यूटर केवल बाइनरी (0 और 1) में कार्य करता है, इसलिए किसी भी प्रकार की जानकारी (संख्या, अक्षर, चित्र, ध्वनि आदि) को डिजिटल स्वरूप में बदलना आवश्यक होता है।

1. संख्या प्रणालियाँ (Number Systems)

कंप्यूटर डेटा को विभिन्न संख्या प्रणालियों में संग्रहीत करता है, जिनमें मुख्य रूप से चार प्रकार शामिल हैं:

1.1 दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal Number System – Base 10)

  • यह सबसे सामान्य संख्या प्रणाली है, जिसे हम दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं।
  • इसमें 10 अंक होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9
  • प्रत्येक अंक की स्थिति का मान 10 की घातों पर निर्भर करता है।

उदाहरण: (345)₁₀ = (3 × 10²) + (4 × 10¹) + (5 × 10⁰)

1.2 बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary Number System – Base 2)

  • कंप्यूटर की मूलभूत संख्या प्रणाली, जिसमें केवल दो अंक होते हैं: 0 और 1
  • प्रत्येक अंक की स्थिति का मान 2 की घातों पर निर्भर करता है।

उदाहरण: (1011)₂ = (1 × 2³) + (0 × 2²) + (1 × 2¹) + (1 × 2⁰) = (11)₁₀

1.3 ऑक्टल संख्या प्रणाली (Octal Number System – Base 8)

  • इसमें कुल 8 अंक होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7
  • इसका उपयोग डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है।

उदाहरण: (57)₈ = (5 × 8¹) + (7 × 8⁰) = (47)₁₀

1.4 हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली (Hexadecimal Number System – Base 16)

  • इसमें 0 से 9 तक संख्याएँ और A से F तक अक्षर (A=10, B=11, …, F=15) होते हैं।
  • यह कंप्यूटर विज्ञान में रंग कोडिंग, मेमोरी एड्रेसिंग आदि में प्रयुक्त होती है।

उदाहरण: (2F)₁₆ = (2 × 16¹) + (15 × 16⁰) = (47)₁₀


2. डेटा के विभिन्न स्वरूप (Types of Data Representation)

कंप्यूटर डेटा को विभिन्न रूपों में संग्रहीत और प्रदर्शित करता है।

2.1 टेक्स्ट डेटा (Text Data Representation)

  • कंप्यूटर टेक्स्ट को ASCII (American Standard Code for Information Interchange) और Unicode के माध्यम से संग्रहीत करता है।
  • ASCII: प्रत्येक अक्षर को 7-बिट या 8-बिट बाइनरी में संग्रहीत करता है।
    • उदाहरण: ‘A’ = 65 (01000001)₂
  • Unicode: विभिन्न भाषाओं के वर्णों को संग्रहीत करने के लिए प्रयुक्त होता है।
    • उदाहरण: ‘अ’ का Unicode मान U+0905

2.2 संख्यात्मक डेटा (Numeric Data Representation)

संख्याओं को संग्रहीत करने के लिए विभिन्न प्रारूप होते हैं:

  • पूर्णांक (Integer): बिना दशमलव के संख्याएँ।
  • फ्लोटिंग-पॉइंट (Floating-Point): दशमलव वाली संख्याएँ (IEEE 754 मानक द्वारा परिभाषित)।

उदाहरण:

  • पूर्णांक: 25 → (11001)₂
  • फ्लोटिंग-पॉइंट: 12.5 → IEEE 754 में संग्रहीत होता है।

2.3 चित्र और ग्राफिक्स डेटा (Image and Graphics Representation)

  • रैस्टर इमेज (Raster Image): यह पिक्सेल का समूह होती हैं। उदाहरण: BMP, JPEG, PNG।
  • वेक्टर इमेज (Vector Image): गणितीय समीकरणों पर आधारित होती हैं। उदाहरण: SVG, AI।
  • RGB मॉडल: रंगों को लाल (Red), हरा (Green), और नीला (Blue) रंगों के मिश्रण से बनाया जाता है।

2.4 ध्वनि डेटा (Audio Data Representation)

  • ध्वनि को Waveform (वेवफॉर्म) में डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जाता है।
  • ध्वनि को बिट्स में बदलने की प्रक्रिया को सैंपलिंग (Sampling) कहते हैं।
  • प्रमुख फाइल प्रारूप: MP3, WAV, AAC।

2.5 वीडियो डेटा (Video Data Representation)

  • वीडियो फ्रेम्स (Frames) और ध्वनि का संयोजन होता है।
  • वीडियो को संपीड़ित (Compression) करने के लिए MPEG, AVI, MP4 जैसे प्रारूप प्रयोग किए जाते हैं।

3. डेटा प्रतिनिर्धारण में प्रयुक्त महत्वपूर्ण संकल्पनाएँ (Key Concepts in Data Representation)

3.1 बिट और बाइट (Bit and Byte)

  • बिट (Bit): कंप्यूटर में डेटा की सबसे छोटी इकाई (0 या 1)।
  • बाइट (Byte): 8 बिट्स का समूह।
  • 1 किलोबाइट (KB) = 1024 बाइट
  • 1 मेगाबाइट (MB) = 1024 KB
  • 1 गीगाबाइट (GB) = 1024 MB

3.2 डेटा संपीड़न (Data Compression)

  • हानिरहित संपीड़न (Lossless Compression): डेटा की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होती।
    • उदाहरण: ZIP, PNG, FLAC।
  • हानीपूर्ण संपीड़न (Lossy Compression): कुछ डेटा खो सकता है।
    • उदाहरण: MP3, JPEG, MP4।

3.3 एन्कोडिंग और डिकोडिंग (Encoding and Decoding)

  • एन्कोडिंग: डेटा को एक विशेष प्रारूप में बदलना।
  • डिकोडिंग: एन्कोडेड डेटा को पुनः मूल रूप में परिवर्तित करना।
  • उदाहरण: Base64 एन्कोडिंग, ASCII, Unicode।

निष्कर्ष (Conclusion)

  • डेटा को कंप्यूटर में विभिन्न स्वरूपों में संग्रहीत किया जाता है, जैसे बाइनरी, टेक्स्ट, चित्र, ध्वनि और वीडियो।
  • विभिन्न संख्या प्रणालियाँ कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को समझने में सहायक होती हैं।
  • डेटा संपीड़न और एन्कोडिंग तकनीकें भंडारण और प्रसारण को कुशल बनाती हैं।

Related Posts

Leave a Comment