अगर व्रत न रखा हो तो क्या नवरात्रों में सेक्स किया जा सकता है?

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नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का प्रमुख अवसर है। इस दौरान अनेक महिलाएँ व्रत रखकर माँ दुर्गा की पूजा करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमने नवरात्रि में कोई व्रत नहीं रखा है तो क्या हम “नवरात्रों में सेक्स कर सकते हैं?”

यह सवाल हम महिलाओं के मन में अकसर उठता है। हममें से कुछ नवरात्रि में यौन-व्रत रखना ज़रूरी समझती हैं, जबकि कुछ इसे अनिवार्य नहीं मानती। मेरे विचार से यौन संबंध पति-पत्नी के बीच एक ऐसा निजी मामला है जिसपर समाज को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

इस लेख में मैं नवरात्रि, व्रत और यौन संबंधों के बीच के रिश्ते पर प्रकाश डालने का प्रयास करूँगी। मेरा मानना है कि हमें इस विषय पर खुलकर बात करने की ज़रूरत है ताकि अनजाने में फैले कुरीतियों को दूर किया जा सके।

मुझे विश्वास है कि यह लेख नवरात्रि में यौन संबंधों को लेकर हम महिलाओं की समझ बढ़ाने में मददगार साबित होगा। आइए, शुरू करते हैं!

नवरात्रि क्या है?

  • नवरात्रि, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष में दो बार आने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  • यह मां दुर्गा की उपासना और आराधना का समय होता है।
  • नवरात्रि के दौरान लोग मां के नौ रूपों की पूजा करते हैं जो शक्ति के नौ स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष मंत्र और पूजा विधि होती है।
  • यह अवसर शक्ति की उपासना और आत्मबल प्राप्त करने का माना जाता है।

नवरात्रि में व्रत का महत्व

  • नवरात्रि के दौरान कई भक्त विभिन्न प्रकार के व्रत रखते हैं।
  • इसका मुख्य उद्देश्य शरीर और मन को शुद्ध करना होता है।
  • कुछ प्रमुख व्रत हैं – फलाहार व्रत, निर्जला व्रत, चंडी व्रत आदि।
  • व्रत के दौरान सात्विक भोजन, ध्यान और जप से मां की आराधना की जाती है।
  • यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में सहायक माना जाता है।

यौन संबंध पर प्रतिबंध

  • कुछ भक्त नवरात्रि में यौन संबंध से परहेज करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन कर शरीर को शुद्ध रखा जाना चाहिए।
  • यौन संबंध मन को विचलित कर सकता है, इसलिए इससे बचा जाना चाहिए।
  • हालांकि यह एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है, व्रत न रखने वाले भी मां की उपासना कर सकते हैं।

सारांश

  • नवरात्रि में व्रत रखकर शारीरिक और मानसिक शुद्धि प्राप्त की जा सकती है।
  • यौन संबंध पर पाबंदी वैकल्पिक है, व्रत न रखने वाले अपनी इच्छा से निर्णय ले सकते हैं।
  • दो वयस्कों के बीच सहमति से हुआ यौन संबंध उनका निजी मामला है।

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